प्रश्नों की सूची

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 
१.) स्वप्न अवस्था के क्या नियम है?
२.) क्या आध्यात्मिक साधक की भी इच्छाएं होती है? वे उनकी पूर्ति कैसे करते है?
३.) गुरुक्षेत्र कहाँ और कैसे प्रकट होता है?
४.) निचली परतों में अशुद्धि के क्या लक्षण है?
५.) मुक्ति क्या है? यह कैसे मिलेगी?
६.) मुझे आपका अनुभव क्यों नहीं पता लगता है?
७.) निधिध्यासन का क्या अर्थ है?
८.) स्मृति क्या है?
९.) क्या अलग अलग अनुभवों के माध्यम से अस्तित्व पूर्णता की ओर जा रहा है?
१०.) आनंद और परमानन्द में क्या अंतर है ? इस अवस्था तक कैसे पहुंचा जाये ?
११.) संकल्प क्या है ? ज्ञानमार्ग पर इसका क्या महत्व है ?
१२.) क्या पुरुषों को शिव और स्त्रियों को शक्ति का रूप मानना सही है?
१३.) कारण शरीर क्या है? क्या सारी इच्छाओं का मूल वही है?
१४.) वैराग्य आ जाने के बाद क्या कोई इच्छा नहीं उठती?
१५.) ज्ञानी और अज्ञानी में व्यव्हार में क्या अंतर है?
१६.) ज्ञान होने के बाद क्या करना चाहिए है?
१८.) चेतना में रहने का कर्मफलों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
१७.) चेतना क्या है?
१९ .) शून्यता का क्या अर्थ है? ज्ञानमार्ग पर शून्यता को कैसे समझा जा सकता है?
२०.) चेतना को कैसे जाग्रत किया जाए?
२१.) क्या सांसारिक व्यक्ति भी आध्यात्मिक हो सकता है?
२२.) मृत्यु से डर क्यों लगता है?
२३.) मनुष्य जीवन का क्या प्रयोजन है?
२४.) क्या चित्तवृति को रोका जा सकता है?
१.) क्या किताबें पढ़ने से ज्ञान हो सकता है?  
२.) माया और मुझमें कितनी दूरी है? 
३.) समर्पण का क्या अर्थ है?  
४.) प्राकृतिक आपदाओं से कई लोगों के मरने का क्या कारण है? 
५ .) विश्वचित्त की मूल अवस्था क्या है? 
६.) कर्म और क्रिया में क्या अंतर है? 
७.) बुद्धि की क्या सीमा है ?
८.)  क्या व्यक्ति में दूसरों से पूर्णतया पृथक, उसका व्यक्तिगत कोई गुण हो सकता है?  
९ .) सहज समाधि क्या है? 
१०.) समावेशी ध्यान क्या है? इसका चेतना से क्या सम्बन्ध है?
११.) माया में तो सबकुछ मिथ्या है, तो क्या ज्ञान भी मिथ्या है?  
१२.) मूल प्रश्नों के सात भेद कौन से है?
१३.) ज्ञानमार्गी के क्या लक्षण है?
१४.) सत्य क्या है और यह क्यों आवश्यक है?
१५.) सत्य का क्या आधार है? सत्य के मानदंड क्या है?
१६.) सत्य के सन्दर्भ क्या है?
१७.) अनुभव के कितने प्रकार है और कौन कौन से है?
१८.) काल, अनुभवकर्ता में है या अनुभवकर्ता, काल में है?
१९.) अनुभवकर्ता का स्थान कहाँ है?
२०.) क्या ज्ञान होने के बाद भी शिष्य को गुरु की आवश्यकता होती है? 
२१.) ज्ञानमार्ग पर मंत्र का क्या महत्व है? 
२२.) मानवीय संबंधों से मिलने वाले दुःख से कैसे बचा जाये ?
१.) आत्मा और परमात्मा को ज्ञानमार्ग पर क्या कहा गया है?
२.) ज्ञानमार्ग में प्रगति कैसे होती है?
३.) क्या वेद पढ़ने से ज्ञान होता है?
४.) स्वसमानता का नियम क्या है? 
५.) क्या सभी जीवों की स्मृति अलग अलग होती है या उसमें कोई सम्बन्ध है?  
६.) शिष्य के क्या क्या गुण है ?
७.) ज्ञान मार्ग पर कितने चरण है? 
९.) ज्ञानमार्ग क्या है ? इसका लक्ष्य क्या है ?
१०.) ज्ञानमार्ग के अलावा और कौनसा आध्यात्मिक मार्ग सीधा मार्ग है?
११.) ज्ञानी के लिए भी क्या कोई नियम है? 
१२.) सारे अनुभव कहाँ पर संचित हो रहे है?   
१३ .) विचार और कल्पना में क्या सम्बन्ध है? 
१४.) क्या अनुभवकर्ता का भी अनुभव संभव है?
१५ .) अस्तित्व क्या है?
१६.) आध्यात्मिक मार्ग की शुरुआत कैसे होती है?
१७.) किसी उत्तर का मुल्यांकन कैसे करे?
१९.) अद्वैत में सत्य का मानदंड क्या है?
२०.) अनुभवों के वर्गीकरण का क्या उद्देश्य है?
.) क्या सभी विचारों पर कर्म आवश्यक है?

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